Wednesday, April 8, 2009
A Peom by Nikhil Gurg ----- कुछ "अच्छा" ..
कुछ "अच्छा" ..
कुछ अच्छा हो जाने दो ,
मेरे ख्वाब सज जाने दो ,
इन आंसुओं को यूँ अंदर ही न घुट जाने दो ,
बस जरा सा ....
कुछ अच्छा हो जाने दो .
वो दिन न कटे ,
वो रात न कटी ,
तेरे होतो पे आई ,
वो बात न बीती
मुझे वो बात सुन लेने दो ,
वो रात जी लेने दो ,
बस जरा सा ....
कुछ अच्छा हो जाने दो .
साहिल को दूर , कश्ती से देख
देखो कितना मुस्कुराता हूँ मैं ,
कभी आगे बढता हूँ , तो
कभी शंका से लौट जाता हूँ मैं .
मुझे तुम में समां जाने दो
मेरा साहिल मुझे पा जाने दो ,
बस जरा सा ....
कुछ अच्छा हो जाने दो .
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ye tune hi likha hai ya copy paste hai.............
ReplyDeletepar jo bhi likha hai zabardast hai.........
v gud Nikhil.......keep it up
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